वायुर्यमोऽग्निर्वरुणः शशाङ्कः
प्रजापतिस्त्वं प्रपितामहश्च।
नमो नमस्तेऽस्तु सहस्रकृत्वः
पुनश्च भूयोऽपि नमो नमस्ते।।11.39।।
vāyur yamo ’gnir varuṇaḥ śhaśhāṅkaḥ prajāpatis tvaṁ prapitāmahaśh cha namo namas te ’stu sahasra-kṛitvaḥ punaśh cha bhūyo ’pi namo namas te
।।11.39।। आप ही वायु, यमराज, अग्नि, वरुण, चन्द्रमा, दक्ष आदि प्रजापति और प्रपितामह (ब्रह्माजीके भी पिता) हैं। आपको हजारों बार नमस्कार हो! नमस्कार हो ! ! और फिर भी आपको बार-बार नमस्कार हो ! नमस्कार हो !
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